➤ हिमाचल विधानसभा के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन, केंद्र पर कर्मचारियों के 10 हजार करोड़ NPS फंड रोकने का आरोप
➤ विपक्ष ने सवाल उठाया—नई नौकरियों की जानकारी क्यों नहीं, सरकार बोली भ्रष्ट चयन बोर्ड भंग किया, जांच जारी
➤ तिब्बत निर्वासित सरकार का प्रतिनिधिमंडल पहली बार VIP दीर्घा में विधानसभा कार्यवाही देखने पहुंचा
धर्मशाला — हिमाचल विधानसभा के विंटर सेशन के दौरान बुधवार को कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों ने तपोवन में सदन के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने तख्तियां उठाकर नारे लगाए और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कर्मचारियों की NPS में जमा 10 हजार करोड़ रुपये वापस नहीं कर रही।
कांग्रेस ने स्पष्ट कहा कि बिना फंड लौटे OPS को मजबूत करना संभव नहीं है। उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बयान दिया कि सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार द्वारा लिए फैसलों की समीक्षा की जाएगी। इस बयान से कर्मचारियों में चिंता बढ़ी है, क्योंकि कांग्रेस ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में OPS बहाल किया था।
सदन के भीतर नई नौकरियों का मुद्दा जोरदार तरीके से गूंजा। भाजपा विधायकों डॉ. जनक राज, सुधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार और दीप राज ने पूछा कि चयन आयोग के माध्यम से कितनी नौकरियां दी गईं, पर संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। सरकार ने कहा—“सूचना एकत्रित की जा रही है।”
इस पर विपक्ष ने सरकार पर सूचनाएं छिपाने का आरोप लगाया।
जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार के समय हमीरपुर स्थित अधीनस्थ चयन सेवाएं बोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका था, इसलिए उसे भंग कर नया राज्य चयन आयोग बनाया गया है। इसी कारण नई नौकरियों की जानकारी एकत्रित करने में समय लग रहा है।

इस बीच, विधानसभा में एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला। तिब्बत निर्वासित सरकार का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल पहली बार हिमाचल विधानसभा पहुंचा और VIP दीर्घा में बैठकर सदन की कार्यवाही देखी। बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात भी की।
इसके अलावा, फतेहपुर से कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया ने PMGSY के फेज-3 प्रोजेक्ट में देरी का मुद्दा उठाया। सदन में आपदा पर चर्चा भी आज जारी रहेगी, जिसमें विपक्ष ने सरकार पर आपदा प्रभावितों की अनदेखी के आरोप लगाए।



